وَحَرَامٌ عَلَىٰ قَرْيَةٍ أَهْلَكْنَاهَا أَنَّهُمْ لَا يَرْجِعُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और किसी बस्ती के लिए असम्भव है जिसे हमने विनष्ट कर दिया कि उसके लोग (क़ियामत के दिन दंड पाने हेतु) न लौटें
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और जिस बस्ती को हमने तबाह कर डाला मुमकिन नहीं कि वह लोग क़यामत के दिन हिरफिर के से (हमारे पास) न लौटे
: